रहीमदास जी के दोहे
खीरा सिर ते काटि के, मलियत नमक लगाय
रहिमन करुए मुखन को, चाहिए यही सजाय।।
अर्थ—
रहीमदास जी कहते हैं कि जिस प्रकार खीरे का कडुवापन दूर करने के लिए उसके ऊपरी सिरे को काटने के बाद नमक लगा कर घिसा जाता है ठीक उसी प्रकार कड़वे मुह वाले, कटु वचन बोलने वाले के लिए यही सजा ठीक है।